कैथोड क्या है और कैथोड किरणों की खोज किसने की यहां पढ़े

दोस्तों क्या आपको पता है की कैथोड क्या है और कैथोड किरणों की खोज किसने की अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े यहां हम Cathode Kiranon Ki Khoj के बारे में विस्तार से बताएंगे।

कैथोड क्या है?

कैथोड किरणों की खोज किसने की

कैथोड किरण उच्च ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन के धारा को कहते है। जब डिस्चार्ज ट्यूब के कैथोड और एनॉड दोनों सिरे के बीच 20 वोल्ट किलोमीटर का विभांतर लगाया गया था तो कुछ ऐसे ऋणात्मक कण देखे गए जो कैथोड इलेक्ट्रोड से एनोड इलेक्ट्रोड के तरफ आकर्षित (गति) हो रहे थे, जिन्हें हम इलेक्ट्रॉन के नाम से जानते है। इसी इलेक्ट्रॉन के ऋणआत्मक समूह को कैथोड किरण कहा जाता है क्योंकि यह कैथोड इलेक्ट्रोड से निकल कर जा रहे थे।

Cathode Kiranon Ki Khoj Kisne Ki Thi (कैथोड किरणों की खोज किसने की)

हमने आपको कैथोड किरण है क्या होता है इसके बारे में बता दिया पर क्या आपको पता है कैथोड किरणों की खोज किसने की थी चलिए आपको बताते हैं कि – कैथोड किरणों की खोज विलियम क्रुक द्वारा हुई थी। सन 1870 में विलियम क्रूक द्वारा सबसे पहले कैथोड रे को देखा गया था, यही इनके खोजकर्ता और जनक माने जाते हैं। इसके बाद से कैथोड रे को बड़े ही गौर से समझा गया और इसके उपयोग से कई सारे नए-नए आविष्कार किए गए।

Cathode Kiran Mein Kya Upsthit Rahata Hai

जैसा कि हमने बताया जब विसर्जन नलिका में कैथोड राय के ऊपर रिसर्च चल रहा था तब वैज्ञानिकों ने देखा कि कैथोड इलेक्ट्रोड से कई सारी ऋणात्मक उच्च ऊर्जा वाले कण निकल रहे थे जिन्हें हम इलेक्ट्रॉन के नाम से जानते हैं। अर्थात कैथोड किरण में इलेक्ट्रॉन के कण उपस्थित होते हैं, जिनके ऊपर नकारात्मक चार्ज मौजूद होता है। यह नकारात्मक या ऋणात्मक किरण एनोड इलेक्ट्रोड की तरफ गति करने लगते हैं।

कैथोड किरणों के गुण

वैज्ञानिकों द्वारा कैथोड किरणों के प्रयोगों में देखा गया गुण निम्न है:-

  • कैथोड किरण सीधी रेखा में गति करती है।
  • क्योंकि इस किरणों के अंदर ऋणात्मक कण होते हैं, इसलिए इसे ऋणात्मक किरण भी कहा जाता है।
  • यह किरणों के अंदर छोटे-छोटे द्रव्य कण होते हैं।
  • इस किरणों के अंदर चुंबकीय आकर्षण होता है।
  • कैथोड किरणें फोटोग्राफिक प्लेट पर इफैक्ट डालती है।
  • कैथोड किरणें जब गैस से गुजरती है तो उस ज्ञान को आयनिक बना देती है।
  • कैथोड किरणें को जब टंगस्टन जैसे धातुओं से टकराया जाता है तो एक्सरे उत्पन्न होता है।
  • यह किरणी मैटेलिक पर्दे को भेद भी सकती है।

कैथोड और एनोड में क्या अंतर है?

जिस प्रकार हमने बताया कैथोड रे के अंदर नकारात्मक चार्ज या ऋणात्मक कण होते हैं उसी प्रकार एनोड के अंदर सकारात्मक चार्ज होते है। कैथोड और एनोड दोनों ही इलेक्ट्रोड होते हैं और जब इनमें इलेक्ट्रिसिटी पास करवाई गई थी तो कैथोड से नकारात्मक कण निकलकर एनोड तरफ जा रहे थे। विज्ञान से ही पता चलता है कि नकारात्मक हमेशा सकारात्मक के प्रति आकर्षित होते हैं।

कैथोड किरण किसकी बनी होती है?

कैथोड किरणें ऋणात्मक कणों से बनी होती है।

कैथोड किरणें कैसे उत्पन्न होता है?

कैथोड किरणें डिस्चार्ज ट्यूब के अंदर गैस के आयनिकरण से उत्पन्न होती है।

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