एक्स-रे की खोज किसने की?

दोस्तों हम सभी जानते है की X-Rays आज से समय कितनी महत्पूर्ण है लेकिन क्या आपको पता है की एक्स-रे की खोज किसने की अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े क्योकि यहां हम आपको X-Rays के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है।

एक्स-रे क्या होता है? (X-Rays kya hota hai)

एक्स-रे एक तरह का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण होता है, जिसे एक्स रेडिएशन शब्द से लिया गया है। एक्स-रे आधुनिक युग का एक इमेजिंग टेक्निक है, जिसका इस्तेमाल शरीर के अंदर के संरचना को देखने के लिए किया जाता है।

शरीर से जुड़ी हुई अंदरूनी बीमारी के बारे में पता लगाने में एक्स रे बहुत ही ज्यादा मददगार तकनीकी होता है। जिसका इस्तेमाल आज के समय में लगभग हर एक अस्पतालों में किया जाता है।

एक्स-रे की खोज किसने की? (X Ray Ki Khoj Kisne Ki)

एक्स-रे की खोज जर्मनी के एक भौतिक शास्त्री द्वारा किया गया है, जिनका नाम Wilhelm Röntgen (विलहम कॉनरैड रॉटजन) था । इन्होंने एक्स-रे की खोज सन 1895 में की थी। जब इन्होंने एक्स-रे की खोज की थी तब उनकी उम्र 50 वर्ष थी।

इन किरणों के बारे में जानकारी ना होने के कारण इसे एक्स-रे का नाम दिया गया था, जिसका मतलब ‘अज्ञात कारण’ होता है। एक्स-रे की खोज रॉन्टजन द्वारा किया गया था, इसीलिए इन किरणों को ‘रॉन्टजन रेज’ के नाम से भी जाना जाता है।

एक्स-रे की खोज कैसे हुई?

एक्स-रे की खोज जर्मनी साइंटिस्ट विल्हेल्म कोनराड रॉन्टजन द्वारा किया गया था। जब वे कैथोडिक रे ट्यूब का आविष्कार कर रहे थे, तब कैथोड किरणों के बंद होने पर कुछ लाइट चमकती दिखाई दे रही थी।

जिसके कारण अपारदर्शी कवर के नीचे बिछा पेपर साफ दिखाई दे रहा था। उसके बाद इन्होंने उन किरणों का इस्तेमाल अपने शरीर के ऊपर किया, तब उनके शरीर की हड्डियां साफ दिखाई दे रही थी। उसके बाद इन्होंने एक्स-रे पर काम करना शुरू किया और इस तरह से एक्स-रे की खोज हुई।

X-Rays मशीन का आविष्कार कब हुआ था? क्रूक्स ट्यूबों से निकलने वाले एक्सरे की खोज 1895 में विल्हेल्म कोनराड रॉन्टजन द्वारा किया गया था। जिसके बाद 18 जनवरी 1896 में एचएल स्मिथ नामक एक विज्ञानिक द्वारा औपचारिक रूप से एक x-ray मशीन का आविष्कार किया गया।

X-Rays कितने प्रकार के होते हैं?

ऊर्जा के स्तर के आधार पर एक्स-रे को दो भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें से पहला सॉफ्ट एक्स-रे होता है, और दूसरा हार्ड एक्स-रे होता है। सॉफ्ट एक्स रे कम ऊर्जा फोटोन वाले एक्स रे को कहा जाता है, और ज्यादा उर्जा फोटॉन वाले एक्स-रे को हार्ड एक्स रे कहा जाता है।

X-rays का प्रयोग

एक्स-रे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पर कार्य करती है, जिसका वेव 10 से 0.01 नैनोमीटर का होता है। एक्स-रे का प्रयोग मुख्य रूप से Diagnostic के लिए किया जाता है। एक्स-रे एक प्रकार का Ionizing Radiation होता है, इसी कारण से यह खतरनाक भी होता है।

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तो दोस्तों उम्मीद करते है की X Ray Ka Aavishkar Kisne Kiya इसके बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी।

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