अश्वगंधारिष्ट के फायदे और नुकसान के बारे में: दोस्तों आप सभी को पता ही होगा कि एक स्वस्थ और सेहतमंद शरीर अन्य रोगों से लड़ने के लिए और उससे बचने के लिए काफी योग्य होता है। लेकिन दोस्तों वहीं पर एक कमजोर शरीर सामान्य रोग होने पर भी जल्द से जल्द प्रभावित हो जाता है ।
इसीलिए दोस्तों अश्वगंधारिष्ट शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए बहुत ही फायदेमंद औषधि मानी जाती है, यह बीमारी या किसी अन्य कारण से आई हुई कमजोरी को भी दूर कर शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है।

आज के इस लेख में हम जानेंगे की Ashwagandharishta Ke Fayde और नुकसान क्या है, इसके साथ अश्वगंधारिष्ट की सेवन विधि के बारे में जानेंगे।
Ashwagandharishta Ke Fayde (अश्वगंधारिष्ट के फायदे)
- दोस्तों अश्वगंधारिष्ट कमजोर याददाश्त को दुरुस्त करने के लिए भी उपयोग में लाने वाली दवाई है। अश्वगंधारिष्ट में उपस्थित मुख्य सामग्री अश्वगंधा होता है, जो यादाश्त को तेज करने में बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है कमजोर यादाश्त के मरीज इसका सेवन करके लाभ उठा सकते हैं ।
- अश्वगंधारिष्ट पाचन शक्ति को मजबूत बनाए रखता है और अश्वगंधारिष्ट में मौजूद तत्व शरीर को स्वस्थ और बेहतर बनाने में भी सहायता प्रदान करते हैं ।
- देखा जाए तो दोस्तों अश्वगंधारिष्ट पेट के लिए या पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है और बहुत से लोग इसका उपयोग भी करते हैं ।
- बढ़ती प्रतिस्पर्धा और काम दबाव के कारण लोगों का मानसिक तनाव काफी ज्यादा बढ़ने लगा है, जिसे जिंदगी बेहद तनावपूर्ण हो चुकी है। ऐसे में आप अश्वगंधा का सेवन करके अपने शरीर में मानसिक तनाव को दूर कर सकते हैं।
- अश्वगंधारिष्ट सभी प्रकार की कमजोरी समस्याओं के लिए कारगर साबित होता है यहां तक कि अश्वगंधारिष्ट दिमागी स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, चिंता को मुक्त करता है और शरीर में उर्जा प्रदान करने का कार्य करता है।
- नसों से संबंधित कई प्रकार के विकारों में अश्वगंधारिष्ट काफी फायदेमंद औषधि है यह नसों से आई हुई कमजोरी को दूर करता है और सामान्य प्रकार की बीमारियों से भी बचाव करता है। तथा नसों के स्वास्थ्य के लिए भी अश्वगंधारिष्ट एक अहम भूमिका निभाता है।
अश्वगंधारिष्ट के नुकसान
अश्वगंधारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसके कोई भी दुष्प्रभाव अभी तक चिकित्सा जगत में देखने को नहीं मिला है। लेकिन किन्ही स्थितियों में अश्वगंधारिष्ट के नुकसान देखने को मिलते हैं तो आइए जानते हैं, कि अश्वगंधारिष्ट के क्या कोई साइड इफेक्ट है या नहीं।
- शराब पीने के बाद यदि कोई व्यक्ति अश्वगंधारिष्ट का सेवन करता है तो यहां पर दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है।
- निर्धारित मात्रा से अधिक और गलत तरीके से इसका सेवन करने पर भी इसके नुकसान आपके शरीर में हो सकते हैं।
- ऐसे व्यक्ति जो कि पहले से किसी भी बीमारी से संबंधित दवाइयां और उपचार ले रहे है, वह इसका सेवन चिकित्सक की सलाह के बाद ही करें अन्यथा कोई भी हानि हो सकती है।
- अगर अश्वगंधारिष्ट का पैकेट या बोतल एक्सपायरी हो चुकी है, तो ऐसी अश्वगंधारिष्ट का सेवन करने से दूर रहें क्योंकि, इससे आपको नुकसान हो सकता है।
अश्वगंधारिष्ट संबंधित सावधानियां जरूर पढ़े
अश्वगंधारिष्ट का सेवन करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है जिन्हें यदि आप ध्यान में रखते हैं, तो जाने अनजाने में होने वाली गलतियों से आप बच सकते हैं।
- गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधारिष्ट का सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करनी चाहिए।
- ऐसे व्यक्ति जो किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित है, और उपचार ले रहे है तो उसे अश्वगंधारिष्ट का सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज वाले मरीज इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।
- ऐसी महिलाएं जो हाल ही में मां बनी है, और शिशु को स्तनपान कराती हैं, उन्हें अश्वगंधारिष्ट का इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
- अधिक छोटे बच्चों को अश्वगंधारिष्ट का सेवन नहीं करना चाहिए।
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अश्वगंधारिष्ट की सेवन विधि
किसी भी दवाई को लेने से पहले सही तरीका तो यही होता है, कि सबसे पहले आप चिकित्सक की सलाह लें, किसी भी दवाई को लेने का समय और तरीका होता है। तभी यह आपके शरीर को पूर्ण रूप से फायदा पहुंचाती है, इस प्रकार से अश्वगंधारिष्ट को भी लेने का एक सही तरीका है।
अश्वगंधारिष्ट की सेवन विधि: व्यस्क और बुजुर्गों को अश्वगंधारिष्ट का सेवन दो-दो चम्मच समान मात्रा में पानी के साथ मिलाकर सुबह और शाम खाने के बाद करना चाहिए।
*नोट- यदि आप अश्वगंधारिष्ट का सेवन चिकित्सक की सलाह से ले रहे हैं, तो उनके द्वारा बताए गए तरीके से ही सेवन करें।
अश्वगंधारिष्ट के घटक
अश्वगंधारिष्ट को मुख्य रूप से 28 जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाया जाता है ।
अश्वगंधारिष्ट का मुख्य घटक द्रव्य है ।
- अश्वगंधा – 1200 ग्राम
- मुसली – 480 ग्राम
- हल्दी – 240 ग्राम
- दारुहल्दी – 240 ग्राम
- मंजिष्ठ – 240 ग्राम
- त्रिवृत – 240 ग्राम
- अर्जुन छाल – 240 ग्राम
- नागरमोथा – 240 ग्राम
- मुलेह्ठी – 240 ग्राम
- विदारीकंद – 240 ग्राम
- हरितकी – 240 ग्राम
- रास्ना – 240 ग्राम
- चित्रक मूल – 192 ग्राम
- अनंतमूल – 192 ग्राम
- रक्त चन्दन – 192 ग्राम
- श्वेत चन्दन – 192 ग्राम
- कृष्ण सारिवा मूल – 192 ग्राम
- वासा – 192 ग्राम
प्रक्षेप द्रव्य
- धातकी पुष्प – 384 ग्राम
- नागकेशर – 48 ग्राम
- पिप्पली – 48 ग्राम
- सौंठ – 48 ग्राम
- मरीच – 48 ग्राम
- दालचीनी – 96 ग्राम
- इलायची – 96 ग्राम
- प्रियंगु – 96 ग्राम
- तेजपता – 96 ग्राम
- शहद – 7200 ग्राम
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इस लेख में हमने अश्वगंधारिष्ट के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से जाना है, हम आशा करते हैं कि आपको इस लेख में साझा की गई जानकारी सही और स्पष्ट लगेगी।