जब भारत देश आजाद हुआ था तब मनुष्य के अलग अलग आविष्कारों में से एक मुद्रा भी था। भारत की मुद्रा का आविष्कार होने से पहले ब्रिटिश मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता था। जिसके बाद मुद्रा में काफी बदलाव देखने को मिला।
जिसका प्रचलन आज भी चल रहा है। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे की सबसे पहले मुद्रा का अविष्कार किसने किया था और भारत की Mudra Ka Avishkar कब और किसने किया था।
मुद्रा का आविष्कार किसने किया? (Mudra Ka Avishkar Kisne Kiya)
मुद्रा का आविष्कार जर्मनी के एक व्यक्ति के द्वारा सन 1440 ईसवी में किया था। जिनका नाम Johannes Gutenberg (योहानेस गुटेनबर्ग) है। योहानेस गुटेनबर्ग मुद्रा का जनक भी कहा जाता है, क्योकि इन्होने मुद्रा की खोज करके पूरी दुनिया को मुद्रा की वैल्यू के बारे में बताया था।
मुद्रा का आविष्कार कहां हुआ ?
मुद्रा का उपयोग सबसे पहले सन 1400 ईसवी में यूरोप में हुआ था और उसके बाद सन 1440 ईसवी में मुद्रा का पूरी तरीके से आविष्कार कर दिया गया था।
उस समय मुद्रा का इस्तेमाल अलग अलग चीजों को बदल बदल कर के चीजों को मुद्रित करने का काम किया जाता था।
मुद्रा का आविष्कार कब हुआ ?
मुद्रा का पूरी तरीके से आविष्कार सन 1440 ईस्वी में किया गया था। जिसके बाद से लगातार मुद्राओं में अलग अलग तरह के बदलाव देखने को मिला है और इन्हीं बदलाव के कारण अभी के समय में किसी भी चीज को बहुमूल्य करने के लिए नोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत में मुद्रा का आविष्कार किसने किया और कब ?
भारत में Mudra Ka Avishkar सन 1950 के बाद किया जाने लगा। उस समय भारत का सबसे पहला सिक्का बनाया गया था।
आजादी के काफी समय बाद भी भारत में ब्रिटिश मुद्राओं का हि इस्तेमाल किया जाता था। भारत में सबसे पहले मुद्रा का आविष्कार सन 1757 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा किया गया था।
ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कोलकाता के रुपए का पहला मुद्रा बनाया गया था। जिसका उपयोग सबसे पहले ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के मुगल प्रांत में किया था।
सबसे पहले मुद्रा कौन से धातु से बना था ?
दुनिया की सबसे पहली मुद्रा चांदी धातु से बानी थी।
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दोस्तों उम्मीद करते है की, आपको इस लेख में बताई हुई जानकारी समझ आई होगी।