माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की और इसका मुख्य कार्य क्या है

दोस्तों क्या आप माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में जानते है अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े यहां हम Micro Kandiya Kya Hai और माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है।

Micro Kandiya Kya Hai (माइटोकॉन्ड्रिया क्या है)

माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिकाओं का पावर हाउस कहा जाता है। और इसे हिंदी में ‘सूत्रकणिका’ भी कहा जाता है। माइटोकांड्रिया हमारे कोशिका का एक बहुत ही अहम भाग है क्योंकि यह हमारे भोजन को ऊर्जा में बदलता है।

Mitochondria Ki Khoj Kisne Ki (माइटोकॉन्ड्रिया की खोज किसने की)

माइटोकांड्रिया की खोज सन् 1857 में अल्बर्ट वॉन कोलिकर (Albert von Kolliker) द्वारा की गई थी।

माइटोकॉन्ड्रिया का चित्र

माइटोकॉन्ड्रिया का चित्र
माइटोकॉन्ड्रिया का चित्र

माइट्रोकांड्रिया का आकार गोल रॉड जैसा या बीन्स के आकर का बहुत छोटा 1 माइक्रो मीटर जैसा होता है। इसका बाहरी परत बाहरी झिल्ली होता है जो इसे सुरक्षित रखने का कार्य करता है।

माइटोकॉन्ड्रिया के अंदर भी एक आंतरिक झिल्ली होता है जो कोशिकाओं कि तरह माइट्रोकांड्रिया को विभांतरित करता है यह सिकुड़ा हुआ होता है क्युकी इसमें कई सारे मोड़ होते है जिसे क्रिस्टी केहते है। क्रिस्टी आंतरिक झिल्ली का क्षेत्रफल बनाने में भी कार्य करता है।

अंतरिक्ष झिल्ली के अंदर के स्थान को मैट्रिक्स कहा जाता है जिसके अंदर प्रोटीन पाया जाता है।राइबोसोम, डीएनए यह सब माइटोकॉन्ड्रिया के अंदर ही स्थान करते हैं।

एक कोशिका में कितने माइटोकॉन्ड्रिया हो सकते हैं?

एक मानव शरीर या जीव में अलग अलग रूप और आकार की कोशिकाएं होती है तो उस हिसाब से अलग अलग कोशिकाओं में माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या भी अलग अलग होती है।

जैसे कि सामान्य कोशिकाओं में एक से दो माइटोकॉन्ड्रिया पाया जाता है परंतु जिस कोशिकाओं को ज्यादा ऊर्जा और शक्ति की जरूरत होती है जैसे मांसेशियां की कोशिकाओं में 1 से 2 हजार की मात्रा में माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या पाई जाती है।

माइटोकॉन्ड्रिया का मुख्य कार्य क्या है?

माइटोकॉन्ड्रिया का मुख्य कार्य कोशिकाओं को जीवित व स्वस्थ रखने के लिए ऊर्जा पैदा करना होता है। यह कोशिकाओं में स्थित आणु का उपयोग करके कोशिकाओं को ऊर्जा देती है।

इसके अलावा कोशिकाओं का मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने का कार्य करता है।और साथ ही साइट्रिक एसिड साइकिल को बनाए रखता है। इसलिए कोशिकाओं में हो रहे सभी कार्य का पावर हाउस माइटोकॉन्ड्रिया को ही कहा जाता है चुकी सारे कार्य इन्हीं द्वारा किए जाते हैं।

माइटोकॉन्ड्रिया किस प्रक्रिया द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करते हैं?

माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका कि श्वसन प्रक्रिया द्वारा अपना कार्य कर पाती है। ये अणुओं से कार्बोहाइड्रेट के रूप में भोजन प्राप्त करती हैl कार्बोहाइड्रेट के रूप में लिया गया सभी ऊर्जा को ऑक्सीजन के साथ मिलाकर एटीपी का निर्माण करती है।

इसी प्रक्रिया द्वारा प्रोटीन का भी निर्माण होता है। माइट्रोकांड्रिया एक प्रकार से कोशिकाओं के लिए खाना बनाने का कार्य करता है।

माइटोकॉन्ड्रिया के बारे में रोचक तथ्य

  • यह कोशिकाओं को जीवित रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • इसे कोशिकाओं का पावर हाउस कहा जाता है।
  • इसके आकार भिन्न पाए जाते है।
  • माइटोकॉन्ड्रिया खुद का dna रखता है जो मादा जीव से संचालित होता है।
  • माइटोकॉन्ड्रिया सबसे अधिक स्नायु कोशिका में पाया जाता है।
  • आवश्यकता अनुसार ये कोशिका के अंदर अपना स्थान बदलता रहता है।

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