What Is Metaverse In Hindi? | मेटावर्स कैसे काम करता है?

इंटरनेट के दुनिया में Metaverse शब्द काफी सुर्खियां बटोर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि, मार्क जुकरबर्ग ने बीते कुछ महीने पहले Metaverse शब्द का प्रयोग करते हुए अपने फेसबुक के उपयोगकर्ताओं को बताया था कि वे अब Metaverse के ऊपर काम करना चाहते हैं।

यही कारण है की फेसबुक के कई सारे यूजर्स के मन में मार्क जुकरबर्ग के प्रति कुछ सवाल उठ रहा है कि जब Facebook Social Media की बड़ी कंपनी बन चुकी है तो वे Metaverse के ऊपर क्यों काम करना चाहते हैं।

हालांकि, सूत्रों के द्वारा यह बताया जा रहा है कि मार्क जुकरबर्ग आने वाले 28 तारीख को (28 October) मेटावर्स से संबंधित कुछ नई जानकारी या फिर कुछ अहम फैसलों की घोषणा कर सकते हैं।

अगर आप भी Metaverse से संबंधित कुछ जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप मेरे इस ब्लॉग के साथ बने रहे। आज हम आपको What Is Metaverse In Hindi ? Metaverse क्या है ? Metaverse कैसे काम करता है ? इत्यादि की डिटेल्स समझाने की कोशिश करेंगे।


मेटावर्स क्या है ?

मेटावर्स के बारे में समझने से पहले आपको Virtual Reality के बारे में समझना होगा। अगर हम Virtual Reality की बात करें तो यह एक तरह का ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो आपको हजारों किलोमीटर दूर होने के बावजूद करीब होने का एहसाह दिलाता है।

उदाहरण के द्वारा समझने की कोशिश करें तो आप हजारों किलोमीटर दूर किसी व्यक्ति के से बात करेंगे तो आपको एक मिनट के लिए भी यह नहीं लगेगा कि आप हजारों किलोमीटर दूर बैठ कर बात कर रहे हैं। जब की आप असल मायने में हजारों किलोमीटर दूर बैठे होते हैं।

अब हम बात करें Metaverse की तो Facebook ने मेटावर्स के बारे में एक ब्लॉग साझा किया है जिसमें मेटावर्स के बारे कुछ प्वाइंट समझाया गया है की आप Metaverse के माध्यम से हजारों किलोमीटर दूर बैठे रिश्तेदार के साथ बात करने, मित्रों के साथ गेम खेलने में, घर बैठे शॉपिंग इत्यादि कर सकते हैं।

फेसबुक मेटावर्स प्रोजेक्ट में कितना निवेश करने वाला है ?

मेटावर्स को उपयोगकर्ताओं के लिए User Friendly बनाने में थोड़ा बहुत समय लगने वाला है। जानकारी के मुताबिक मेटावर्स में हार्डवेयर, बैंकिग क्षेत्र, टेलीकॉम, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भी भाग लेने वाली है।

जिसके माध्यम से Metaverse को Eco System बनाया जाएगा। याद रहे जब यह Eco System हो जाएगा तब आप Metaverse का उपयोग कर सकते हैं।

अगर Facebook की बात करें तो Facebook का कहना है की Metaverse को Reality के तौर पर निर्माण करने में 15 साल तक का समय लग सकता है।

हालांकि, रिसर्च के अनुसार Metaverse प्रोजेक्ट पर फेसबुक 2 वर्ष की अवधि के दौरान 50 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट करने वाला है।

मेटावर्स कैसे काम करता है?

यदि आप Metaverse जैसी तकनीकी दुनिया की सैर करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए टूल्स का सहारा लेना होगा।

अगर हम सबसे खास टूल्स की बात करें तो वह है Virtual Reality Headset और यह हेडफोन की तरह दिखता है। मेटावर्स का उपयोग मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर इत्यादि के जरिए आसानी से किया जा सकता है।

मेटावर्स के माध्यम से यूजर्स घर बैठे हजारों किलोमीटर दूर शॉपिंग कर सकते है और उन्हें लगेगा की वे घर में नही बल्कि, दुकान में शॉपिंग कर रहे हैं।

लेकिन, असल मायने में वे घर बैठे शॉपिंग कर रहे होते हैं। क्योंकि, यह वर्चुअल रियलिटी का कमाल होता है।

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निष्कर्ष

अगर आप भी Metaverse का आनंद उठाना चाहते हैं तो आपको कुछ समय के लिए धैर्य रखना होगा। क्योंकि, मेटावर्स को वर्चुअल रियलिटी का रूप देने में थोड़ा बहुत समय लगने वाला है। अगर आपके मन में Metaverse से जुड़ी कुछ प्रश्न है तो आप मुझसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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