स्टेथोस्कोप क्या है और स्टेथोस्कोप की खोज किसने किया, यहां पढ़े

डॉक्टर के गले में लटके स्टेथोस्कोप को तो हर किसी ने देखा है। डॉक्टर किसी भी बीमारी का इलाज करने से पहले मरीज़ को इसके जरिए जांचते है, पर बहुत लोगो को नहीं पता होता कि स्टेथोस्कोप होता क्या है और स्टेथोस्कोप की खोज किसने किया तो चलिए हम आपको स्टेथोस्कोप के बारे में बताते हैं।

स्टेथोस्कोप क्या है

स्टेथोस्कोप एक प्रकार का मेडिकल क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाने वाला इंस्ट्रूमेंट होता है जिसको डॉक्टर दोनों कानों में लगा के लोगो के दिल की धड़कन की गति को सुनते है। इसके अलावा लंग्स या अंतो से आने वाली आवाजो को भी इससे सुना जा सकता है। मेडिकल फील्ड में इसका उपयोग होता है इस क्षेत्र में आने वाले विद्यार्थियों को भी इसके उपयोग से अवगत कराया जाता है।

स्टेथोस्कोप की खोज किसने किया (Stethoscope Ki Khoj Kisne Ki)

स्टेथोस्कोप का आविष्कार रेने लाइनक द्वारा किया गया था। यह उपकरण चिकित्सा क्षेत्र में अभी भी सुविधा प्रदान कर रही है। इसके खोजकर्ता फ्रांस के है वैज्ञानिक थे जिन्होंने इस बनाया और चिकित्सा क्षेत्र को एक तोहफा दिया।

स्टेथोस्कोप का आविष्कार कब हुआ

स्टेथोस्कोप का आविष्कार सन् 1816 में हुआ था। स्टेथोस्कोप के अविष्कारक एक डॉक्टर थे। उस हिसाब से पहले जब इसका आविष्कार नहीं किया गया था तो मरीजों के दिल की धड़कन सुनने के लिए उनके छंती में कान लगाकर सुनना पड़ता था परंतु एक दिन उनके अस्पताल में एक महिला आयी जो एक दिल की मरीज़ थी ,डॉक्टर को महिला के दिल की धड़कन सुनने में असहज महसूस हुआ इसलिए उन्होंने स्टेथोस्कोप का आविष्कार करने का सोचा। जिससे ना मरीज़ को और ना ही डॉक्टर को इलाज के दौरान असहज़ता महसूस करना पड़े।

Stethoscope Uses In Hindi(स्टेथोस्कोप का क्या कार्य है?)

स्टेथोस्कोप का कार्य व उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में निम्न है :-

  • इसका आविष्कार दिल में रक्तसंचार की दशा को मापने वा परीक्षण के लिए किया गया जाता है।
  • हृदय की गति के लिए।
  • लंग्स की आवाज़ को सुनने के लिए।
  • आंतों के लिए।
  • गर्भवती महिला के बच्चे कि धड़कन वा स्वास्थ मापने और सुनने के लिए।
  • शरीर में चल रहे असंतुलित आवाज़ को सुनने के लिए।

स्टेथोस्कोप कितने प्रकार के होते हैं?

स्टेथोस्कोप के प्रकार निम्न है:-

ध्वनिक स्टेथोस्कोप :- इस स्टेथोस्कोप में दो अलग अलग टुकड़े होते है जिसका एक हिस्सा छंती से जुड़ा होता है और ध्वनि संचार करता है

इलेक्ट्रोनिक स्टेथोस्कोप :- यह इंस्ट्रूमेंट इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से धड़कन की आवाज को बढ़ा कर कार्य करता है जिससे हमें आवाज़ साफ साफ सुनाई देती है।

रिकॉर्डिंग स्टेथोस्कोप :- यह स्टेथोस्कोप रिकॉर्डिंग रूल पर काम करता है जिससे पहले किसी भी आवाज़ को रिकॉर्ड किया जा सकता है उसके बाद कभी भी इसे सुन के मरीज के स्वास्थ का परिणाम बता सकते है।

भ्रूण स्टेथोस्कोप :- इसका दूसरा नाम फेटोस्कोप भी है।इसका आकार तुहरी जैसा होता है जिसे गर्भवती महिला के पेट के पास रखकर भ्रूण की आवाज़ सुन सकते है।

डॉपलर स्टेथोस्कोप :- शरीर के अंदर चल रहे धड़कन के आवाज़ के कारण उउत्पन्न अल्ट्रासाउंड तरंगों के डॉपलर शिफ्ट को पहचानने के लिए इसका उपयोग किया जाता है

3D प्रिंटेड स्टेथोस्कोप :- इसका उपयोग गुदाभ्रंश के आवाज़ को सुनने के लिए किया जाता है और क्युकी ये 3D प्रक्रिया से बनाई जाती है इसलिए इसका नाम 3D प्रिंटेड रखा गया है।

एसोफैगल स्टेथोस्कोप:- इस स्टेथोस्कोप का उपयोग मरीजों के ऑपरेशन के वक़्त हृदय की गति और स्वास अंगो के लिए होता है।

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