रेडियो तरंग क्या होती है और रेडियो तरंग की खोज किसने की थी

दोस्तों क्या आप जानते है की रेडियो तरंग क्या होती है और रेडियो तरंग की खोज किसने की थी अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े क्योकि यहां हमने आपको रेडियो तरंग के बारे में जानकारी साझा की है।

रेडियो तरंग क्या होती है?

रेडियो तरंग एक electromagnetic wave होता है, जो कि बिना तार के एक जगह से दूसरी जगह travel करने में सक्षम होती है। इस electromagnetic wave की frequency 10 सेंटीमीटर से लेकर के 100 किलोमीटर के बीच होता है।

यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव मानव निर्मित होने के साथ-साथ प्राकृतिक भी होता है, जिसे केवल तकनीकी उपकरणों के माध्यम से ही अनुभव किया जाता है। रेडियो तरंग का इस्तेमाल मुख्य रूप से बिना तार के माध्यम से किसी भी सूचना का आदान प्रदान करने के लिए किया जाता है।

रेडियो तरंग की खोज किसने की (Radio Tarang Ki Khoj Kisne Ki)

रेडियो तरंग की खोज सबसे पहले एक स्कॉटिश भौतिक विज्ञानी जेम्स क्लर्क मैक्सवेल द्वारा सन 1864 में किया गया था। इन्होंने गणितीय गणना और प्रकाश के वेवलेंथ के गुणों के माध्यम से समीकरण की स्थापना की, जिसके इस्तेमाल से हि प्रकाश तरंग और रेडियो तरंग की व्याख्या की जाती है।

परंतु इनके मृत्यु के बाद सन 1886-1889 में एक जर्मन वैज्ञानिक हेनरिक हर्ट्ज द्वारा मैक्सवेल के रेडियो तरंग की Theory की पुष्टि करने के बाद यह साबित किया गया की यह Theory सही है।

रेडियो तरंग की गति कितनी होती है?

रेडियो तरंग की गति करीबन 300 मिलियन मीटर प्रति सेकंड होता है। और इसकी गति को 186,000 मील प्रति सेकंड के रूप में भी जाना जाता है।

रेडियो तरंग कैसे उत्पन्न होती है?

रेडियो तरंग आमतौर पर प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होता है। यह वेव बिजली और खगोलीय पिंडों द्वारा उत्सर्जित होती हैं। और यह तरंगें ट्रांसमीटरों द्वारा आर्टिफिशियल रूप से भी उत्पन्न होता हैं, और एंटीना के माध्यम से रेडियो रिसीवर द्वारा प्राप्त की जाती हैं।

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