दोस्तों क्या आप जानते है की माचिस का आविष्कार किसने किया और माचिस की तीली का पेड़ कोनसा होता है, अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।
माचिस का आविष्कार किसने किया? (machis ka avishkar kisne kiya)
माचिस का आविष्कार ब्रिटेन के वैज्ञानिक जॉन वॉकर ने किया था।
जॉन वॉकर को बचपन से विज्ञान पढ़ने तथा उससे आधारित नए-नए परीक्षण करने मे बहुत रूची थी, जिसके कारण वे बड़े होकर एक वैज्ञानिक बने और फिर उन्होंने माचिस का आविष्कार किया गया।
माचिस के आविष्कार का इतिहास?
माचिस का आविष्कार 1827 ई• मे जॉन वॉकर ने ब्रिटेन में किया था। सन् 1832 ई॰ में फ्रांस में एंटिमनी सल्फाइड की जगह फॉस्फोरस का इस्तेमाल किया गया तो गंधक की गंध की समस्या का तो समाधान तो हो गया था, लेकिन जलते वक्त तीली से निकलने वाला धुँआ भी काफी विषैला होता था।
इसके बाद 1855 में स्वीडन ट्यूबकर ने अन्य रसायनों को मिश्रित करके एक सुरक्षित माचिस बनाई, जिसका हर कोई उपयोग करते हैं।
माचिस की तीली बनाने के लिए किस पेड़ की लकड़ी का उपयोग किया जाता है?
- माचिस बनाने के लिए सफेद देवदार पेड़ का उपयोग किया जाता हैं।
- लकड़ियो को काटकर उसे छोटी तिल्ली का शेप दिया जाता हैं।
- फिर सभी माचिस की तिल्लियों को अमोनियम नाइट्रेड मे डुबा कर रखा जाता है।
- फिर उन सभी माचिस की तिल्लियों को तेज धूप मे सुखाकर, माचिस की तीली जब सुख जाता है, तब उन तिल्लियों के नोक पर केमिकल फॉस्फोरस सल्फाइड और पोटेशियम क्लोरेट लगाया जाता हैं।
माचिस की तीली के सिरे पर कौन से रसायन का उपयोग किया जाता है?
माचीस की तीली के सिरे पर फॉस्फोरस का मसाला होता है। माचिस की तीली पर मौजूद फॉस्फोरस सल्फाइड नामक रासायनिक यौगिक के वजह से तीली जलती है । इसमें पोटैशियम क्लोरेट , रेड फॉस्फोरस , ग्लू , पीसा हुआ शीशा , सल्फर , और स्टार्च ये पदार्थ इस्तमाल होते है। जब माचीस की तिल्ली को माचिस के बॉक्स की सतह पर घिसा जाता है, जिसके वजह से माचिस जलता है।
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