दोस्तों क्या आप जानते है की डायनेमो का आविष्कार किसने किया और यह क्या काम करता है, अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े यह हम डायनेमो से जुडी सम्पूर्ण जानकारी साझा करेंगे।
डायनेमो क्या है?
डायनेमो को हिंदी में विद्युत् मोटर कहा जाता है। विद्युत् धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा किसी चालक में गति उत्पन्न की जा सकती है। इसी सिद्धांत पर डायनेमो काम करती है।
डायनेमो का आविष्कार किसने किया?
डायनेमो का यह सिद्धांत इंग्लैड के वैज्ञानिक माइकल फैराडे ने 1831 में दिया था इसलिए डायनेमो की खोज का श्रेय Michael Faraday (माइकल फैराडे) को दिया जाता है।
सर्वप्रथम इन्होंने ही प्रयोग के द्वारा यह दिखाया की किसी धारावाही चालक में चुंबक द्वारा गति उत्पन्न की जा सकती है। विद्युत् मोटर में तार की एक कुंडली होती है, जो आयताकार होती है।
यह कुंडली आर्मेचर पर लिपटी रहती है। आर्मेचर चुंबक के ध्रुवों के बीच धुरी पर घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र होती है। कुंडली में धारा प्रवाहित करने पर चुम्बकीय क्षेत्र कुंडली की विपरीत भुजाओं को ऊपर तथा नीचे की ओर धकेल देती है।
इससे कुंडली दक्षिणावर्त घूम जाती है, लेकिन दिक् – परिवर्तक ध्रुवता में कुंडली के आधे घूर्णन के बाद परिवर्तन आ जाता है। इस परिवर्तन के कारण अब भुजाओं पर लगने वाला बल उल्टा हो जाता है। इस प्रकार लगातार घूर्णन होते रहने से विद्युत् मोटर गतिशील रहती है।
विद्युत् मोटर इस तरह से विद्युत् ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदल पाता है। विद्युत् मोटर विद्युत् – चुम्बकीय प्रेरण पर काम नहीं करती है।
डायनेमो का प्रयोग कहां होता है?
विद्युत् मोटर का उपयोग कारखानों में विभिन्न प्रकार की मशीनों के लिए जब कभी बिजली चली जाती है तो इससे ही ऊर्जा प्राप्त की जाती है तथा घरों की बिजली चले जाने पर इससे ही बिजली की आपूर्ति की जाती है।
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आज अपने क्या सीखा
दोस्तों आज अपने सीखा की dynamo ka avishkar kisne kiya और यह कैसे काम करता है। तो दोस्तों उम्मीद है आपको इस लेख में साझा की हुई जानकारी महत्पूर्ण लगी होगी।