दशमलव की खोज किसने की थी, आखिर दशमलव ने गणित को कैसे बदल दिया

दोस्तों क्या आप जानते है की दशमलव की खोज किसने की थी और इसके अविष्कार ने गणित में क्या बदलाब किया अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े क्योकि यहां हम दशमलव की खोज के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है।

Dashamlav Kya Hai

दशमलव जिसे इंग्लिश में Decimal Point कहते हैं। यह गणित का ही एक अंश होता है, जिसे गणित का संख्या पद्धति भी कहा जाता है। यह गणित संख्याओं को लिखने का एक प्रतीक होता है। इसका इस्तेमाल गणना करने के लिए किया जाता है। दशमलव में गणना करने के लिए गणित में उपलब्ध कुल 10 अंकों (यानी कि 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का इस्तेमाल किया जाता है।

Dashamlav Kise Kahte Hain

दशमलव गणित में संख्याओं के बीच में इस्तेमाल किए जाने वाले Dot को कहते हैं। दशमलव का इस्तेमाल गणित में संख्या के Integer भाग तथा Fraction भाग के बीच में किया जाता है।

दशमलव की खोज किसने की थी

दशमलव का खोज भारत के एक महान गणितज्ञ चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा किया गया था। इनके द्वारा ही इस संख्या पद्धति के बारे में सर्वप्रथम बताया गया था। यह भारत के एकमात्र ऐसे वैज्ञानिक थे, जिन्होंने पूरे विश्व में भारत को साइंस के क्षेत्र में ख्याति दिलाई थी। दशमलव की खोज करने के बाद यह भारत के पहले ऐसे खोजकर्ता बने, जोकि भारत को साइंस के क्षेत्र में तरक्की करने का मौका दिलाया।

दशमलव का आविष्कार कब हुआ था?

दशमलव का आविष्कार सर्वप्रथम भारत के महान गणितज्ञ चंद्रशेखर वेंकटरमन द्वारा किया गया था। उसके बाद 28 दिसंबर 1956 के दौरान दशमलव संख्या प्रणाली को राष्ट्रपति के द्वारा स्वीकृति प्राप्त हुई थी। जिसके बाद दशमलव का उपयोग हर क्षेत्र में किया जाने लगा। और तब से लेकर अब तक दशमलव का उपयोग हमारे जीवन के महत्वपूर्ण अंग में से एक बन गया है।

भारत में दशमलव प्रणाली की शुरुआत कब हुई थी?

भारत में दशमलव प्रणाली की शुरुआत करीबन 1957 के दौरान की गई थी। उसके बाद भारत दशमलव संख्या प्रणाली में ट्रांसफर हो गया। परंतु सन 1957 और 1964 के के दौरान भारत ने सिक्के की दशमलव प्रणाली को बदलकर “नया पैसा” कर दिया गया।

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