चाय की खोज किसने की थी?

आज के इस लेख में हम आपको चाय के इतिहास के बारे में विस्तार से बतएंगे इसके साथ चाय की खोज किसने की थी (who invented tea) और भारत में चाय की खेती कहां होती है यह भी यहां बताया गया है।

चाय की खोज किसने की थी?

सुबह उठ कर चाय पीना सभी को बहुत पसंद होता है। वहीं अगर भारत में सुबह किसी को चाह ना मिले तो दिन अधूरा लगता है। 

लेकिन शायद कुछ ही लोगों को पता होगा कि सुबह तंदुरुस्ती देने वाली चाय की खोज किसने की है। वही चाय की खोज की कहानी भी काफी मजेदार है।

ऐसा माना जाता है कि china के शासक और प्रसिद्ध Herbalist Shen Nung बगीचे में एक पेड़ के नीचे बैठे थे, जहां उनके नौकरों द्वारा उनके लिए पानी उबला जा रहा था, तभी उस पेड़ से जिसका नाम कैमेलिया साइनेंसिस था, उसका एक पत्ती टूटकर उस पानी में गिर गया थी।

वह पत्ते गिरने की वजह से उस पानी का रंग बदल गया जिसकी वजह से राजा ने उसे आजमाने का फैसला किया। राजा को उस मिश्रण का स्वाद काफी पसंद आया  जिसे अब हम चाय के रूप में पीते हैं।

वही चाय से जुड़ी एक और कथा यह भी है कि बोधिधर्मन ने चाय की खोज पांच वी सदी में कि थी। भारत के रहने वाले बोधिधर्मन Chan Buddhism को फैलाने के लिए चीन आए थे।

जहां वह ध्यान साधना करते थे और उन्हें इस बीच में ना जाए इसीलिए वह खास पत्ती का सेवन करते थे। जो बाद में जाकर चाय के पत्ति के रूप में जाना गया।

चाय की खोज कब और कहा हुईं थी ?

चाय की खोज की कहानी काफी दिलचस्प है, इसकी खोज 1737 ईसा पूर्व में चीन में हुई थी। चीन के शासक और प्रसिद्ध हर्बलिस्ट Shen Nung एक पेड़ के नीचे बैठे थे जहां उनके लिए पीने के लिए पानी उबाल आ जा रहा था।

तभी उस पर से एक पत्ती टूट कर उसमें गिर गया और राजा ने उसे अजमाने का फैसला किया। जिसके बाद राजा को उसका स्वाद काफी पसंद आया था और अब हम उसे चाय के रूप में जानते हैं।

ऐसा भी कहा जाता है कि बोधिधर्मन ने पांचवी सदी में चाय की खोज की थी। दरअसल वह ध्यान साधना करते थे और उन्हें उस वक्त नींद ना आए इसीलिए वह एक पौधे की पत्तियों का सेवन करते थे। वही उन्हीं पौधों की पत्तियों को अब हम चाय के रूप में पीते थे।

chai ka vaigyanik naam क्या है?

चाय का वैज्ञानिक नाम कैमेलिया साइनेंसिस (Camellia sinensis) है। 

चाय का इतिहास

ऐसा माना जाता है कि चीन के शासक और प्रसिद्ध Herbalist Shen Nung बगीचे में एक पेड़ के नीचे बैठे थे, जहां उनके नौकरों द्वारा उनके लिए पानी उबला जा रहा था, तभी उस पेड़ से जिसका नाम कैमेलिया साइनेंसिस था, उसका एक पत्ती टूटकर उस पानी में गिर गया थी।

वह पत्ते गिरने की वजह से उस पानी का रंग बदल गया जिसकी वजह से राजा ने उसे आजमाने का फैसला किया। राजा को उस मिश्रण का स्वाद काफी पसंद आया  जिसे अब हम चाय के रूप में पीते हैं।

वही चाय से जुड़ी एक और कथा यह भी है कि बोधिधर्मन ने चाय की खोज पांच वी सदी में कि थी। भारत के रहने वाले बोधिधर्मन Chan Buddhism को फैलाने के लिए चीन आए थे।

जहां वह ध्यान साधना करते थे और उन्हें इस बीच में ना जाए इसीलिए वह खास पत्ती का सेवन करते थे। जो बाद में जाकर चाय के पत्ति के रूप में जाना गया।

दुनिया की सबसे पहली चाय कहा बानी थी। 

दुनिया में सबसे पहली बार चाय चीन और उसके शासक और प्रसिद्ध Herbalist Shen Nung के यहां बनी थी। 

भारत में चाय का इतिहास

भारत में चाय का आगमन 1836 में अंग्रेजो के द्वारा किया गया था। भारत में पहले खेती के लिए चाय का बीच चीन से लाया जाता था लेकिन बाद में ब्रिटेन की चाय की मांग के कारण असम में और उसके बाद सभी जगह चाय का उत्पादन पूरी तरह से होने लगा।

भारत में चाय की खेती कहां होती है

भारत में सबसे चाय की खेती Assam, Uttrakhand, Bihar, Sikkim, Himachal Pradesh, Mizoram और Nagaland में होती है।

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आज हमने क्या सीखा

आज हमने सीखा की सबसे पहले चाय की खोज किसने की थी और चाय का इतिहास के बारे में भी जाना, इसके साथ हमने भारत में चाय की खेती कहां होती है इस पर भी चर्चा करी है तो दोस्तों उम्मीद करता हु आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।

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