दोस्तों क्या आपको पता है की दुनिया की सबसे पुराणी भाषा संस्कृत की खोज किसने की थी और इस भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े क्योकि यहां हम संस्कृत की खोज से जुडी सभी राज खोलने वाले है।
संस्कृत की खोज किसने की थी
संस्कृत जिसे हम देवभाषा भी कहते है। लगभग 3000 साल पहले तक भारत में संस्कृत बोली जाती थी, बड़े बड़े महर्षियों का कहना है कि ये भाषा संस्कृति और संस्कारों द्वारा उत्पन्न हुई है, इसलिए इसे हम संस्कृत के नाम से जानते है। संस्कृत की खोज महर्षि पाणिनि द्वारा किया गया था।
इन्होंने सबसे पहला संस्कृत व्याकरण ग्रंथ की रचना की थी, इनके साथ महर्षि कात्यायन और महर्षि पतंजलि ने मिल कर योग क्रियाओं को भाषा में संस्कारित किया। कहा जाता है कि देवो द्वारा भी संस्कृत भाषा का ही उच्चारण किया जाता था यह सबसे प्राचीन भाषा है जिसे आज भी पढ़ा और समझा जाता है।
संस्कृत भाषा की उत्पत्ति
हिंदू धर्म की सबसे पहली और प्राचीन भाषा संस्कृत है, इसकी उत्पत्ति वेद काल से पहले ही हो गई थी। आर्य ( श्रेष्ठ मानव ) समाज द्वारा है इस भाषा को बढ़ावा दिया गया था। और कहा जाता है कि जितनी भी प्रांतिय भाषाएं है उन सब में कहीं ना कहीं संस्कृत भाषा का उच्चारण किया गया है।
संस्कृत भाषा की उत्पत्ति के बाद इसे 2 भागों में बांट दिया गया था एक वैदिक संस्कृत और दूसरा लौकिक संस्कृत। ऋग्वेद और सभी वेद को वैदिक संस्कृत से लिखा गया है और रामायण के अक्षर लौकिक संस्कृत द्वारा लिखे गए ही।
संस्कृत भाषा कितनी पुरानी है?
संस्कृत भाषा वैदिक समय से चलती आ रही है अनुमान लगाया जाता है कि वेद काल से पहले भी संस्कृत भाषा ही बोली जाती होगी पर इसका कोई प्रमाण नहीं है। जितने भी वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, ग्रंथ आदि लिखे गए थे यह सब संस्कृत में ही रचित है।
तो इससे समझा जा सकता है की वेद आज से 3500 साल पहले लिखे गए थे ,तो संस्कृत भाषा भी बहुत प्राचीन भाषा होगी। संस्कृत भाषा हिंदू धर्म की भाषा है और आज भी बड़े से बड़े पूजा पाठ में संस्कृत के मंत्र का ही उच्चारण किया जाता है।
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