रिक्टर स्केल का आविष्कार किसने किया था?

दोस्तों इस लेख में हम रिक्टर स्केल का आविष्कार किसने किया था इसके बारे में विस्तार से बताएँगे।

रिक्टर स्केल का आविष्कार किसने किया था?

रिक्टर स्केल का आविष्कार अमेरिकी भूवैज्ञानिक चार्ल्स फ्रांसिस रिक्टर ने सन 1935 में किया है। यह एक भूकंप मापने वाला यंत्र है और इस यंत्र का नाम इस के आविष्कारक के नाम पर रखा गया है। रिक्टर स्केल को लोकल मेग्नीट्यूड स्केल भी कहा जाता है।

सन 1920 में सीस्मोग्राफ नामक प्रैक्टिकल भूकंप मापने वाले यंत्र का निर्माण किया गया था। उसके बाद चार्ल्स रिक्टर ने सिस्मोग्राफ यंत्र में कुछ बदलाव करके लोकल मेग्नीट्यूड स्केल का आविष्कार किया, जिसे अभी के समय में रिक्टर स्केल के नाम से जाना जाता है।

रिक्टर स्केल किस काम में आता है?

रिक्टर स्केल टेक्नोलॉजी का एक बहुत ही अच्छा आविष्कार है। इस स्केल का इस्तेमाल भूकंप मापने के लिए किया जाता है। पृथ्वी पर होने वाले भूकंप के कारण उत्पन्न होने वाली तरंगों के वेव के मेग्नीट्यूड को मापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। रिक्टर स्केल की मदद से भूकंपीय तरंगों को आंकड़ों में परिवर्तित किया जाता है, जो कि भूकंप रिसर्च में मदद करती है।

रिक्टर स्केल कैसे काम करता है?

रिक्टर स्केल सामान्य रूप से लोगरिथम के अनुसार काम करता है। इस स्केल के अनुसार संपूर्ण अंक अपने मूल अर्थ के 10 गुना अर्थ को बताता है। सरल शब्दों में कहे तो इस स्केल के अनुसार प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 10 गुना बढ़ जाती है। और यह पैमाना भूकंप से होने वाले विनाश का अनुमान लगाने में मदद करता है।

रिक्टर स्केल को बनाने में मैग्नेट, पेंडुलम बॉब, स्ट्रिंग, रोटेटिंग ड्रम, पेपर, स्पोर्ट पेन, का इस्तेमाल किया गया है। और रिक्टर स्केल में लगे हुए मैग्नेट के कारण जब भी भूकंप आता है, तब मैग्नेट के बीच वाली स्ट्रिंग मैग्नेटिक फील्ड के कारण हिलने लगती है। और इसके कारण से छोटे छोटे इलेक्ट्रिक पल्सेस उत्पन्न होते हैं, जिसे डिजिटल रूप में स्टोर करके रिसर्च के लिए उपयोग किया जाता है।

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तो दोस्तों उम्मीद करते है की रिक्टर स्केल का आविष्कार किसने किया इसके बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई होगी।

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