पेंसिल का आविष्कार किसने किया और कब ?

दोस्तों क्या आपको पता है की पेंसिल का आविष्कार किसने किया और कब अगर नहीं तो आज हम इस लेख में आपको पेंसिल का इतिहास के बारे में बतएंगे जिसमे पेंसिल की खोज किसने की और pencil ko hindi mein kya bolate hain इसके बारे में भी बताया है।

पेंसिल का आविष्कार किसने किया और कब (Pencil Ka Aaviskar kisne Kiya)

1795 में Nicholas-Jacques Conte ने आधुनिक तरीके के पेंसिल का आविष्कार किया था। दरअसल इंग्लैंड और फ्रांस के बीच लड़ाई होने के कारण इंग्लैंड ने फ्रांस को ग्रेफाइट देना बंद कर दिया था। इसीलिए फ्रांस में इसकी कमी हो गई थी।

जिसके बाद Nicholas-Jacques Conte ने इसका हल निकाला और ग्रेफाइट पाउडर को मिट्टी के साथ मिला कर एक मिश्रण बनाया और इस मिश्रण से लीड बनाने की एक विधि की खोज की।

हालांकि पेंसिल की लीड की खोज लगभग 1500 के समय में इंग्लैंड के Borrowdale में की गई थी। ऐसा माना जाता है कि तूफान के कारण एक पेड़ उखड़ कर गिर गया था। तूफान के खत्म होने के बाद ना कुछ लोग आए थे और उन्हीं लोगों ने पेड़ के जड़ों में काला पदार्थ लगा हुआ देखा था।

जैसे पहले वह लोग ने कोयला सोचा था और इसीलिए उस पदार्थ को जलाया गया था लेकिन वह जल नहीं रहा था। जिसके बाद उस पदार्थ का नाम ग्रेफाइट रख दिया गया था। 

वही उसके बाद से लोग ग्रेफाइट का इस्तेमाल भेड़ों को निशान लगाने के लिए करने लगे थे। 16वीन शताब्दी आते तक लोगों ने ग्रेफाइट की मदद से लिखना शुरू कर दिया था।

लेकिन गिर फाइट के नाजुक और नरम होने की वजह से लिखने में बहुत दिक्कत होती थी। इसीलिए वहां के लोग उसे धागे के अंदर बांध कर लिखने लगे थे।

वही वर्ष 1560 में Italian couple Simonio और Lyndiana Bernacotti ने juniper नामक पेड़ का इस्तेमाल कर पेंसिल बनाया था। वे इस पेड़ को काट कर और छेद कर उसमें ग्रेफाइट भर दिया जाता था और उसे चिपका दिया जाता था। 

इसे भी पढ़े: पेन का आविष्कार किसने किया था

pencil ki nok kaise banti hai

पेंसिल के अंदर ग्रेफाइट इस्तेमाल होता है, जो ग्रेफाइट पाउडर, मिट्टी और पानी से मिलकर बनता है। 

pencil ke andar kya hota hai

पेंसिल के अंदर ग्रेफाइट होता है।

pencil ko hindi mein kya bolate hain

पेंसिल को हिंदी में Pencil ही बोलते हैं इसके लिए कोई और शब्द नहीं बनी है।

पेंसिल का इतिहास

पेंसिल की लीड की खोज लगभग 1500 के समय में इंग्लैंड के Borrowdale में की गई थी। ऐसा माना जाता है कि तूफान के कारण एक पेड़ उखड़ कर गिर गया था। तूफान के खत्म होने के बाद कुछ लोग आए और उन्हीं लोगों ने पेड़ के जड़ों में काला पदार्थ लगा हुआ देखा था।

जैसे पहले वह लोग ने कोयला सोचा था और इसीलिए उस पदार्थ को जलाया गया था लेकिन वह जल नहीं रहा था। जिसके बाद उस पदार्थ का नाम ग्रेफाइट रख दिया गया था। 

वही उसके बाद से लोग ग्रेफाइट का इस्तेमाल भेड़ों को निशान लगाने के लिए करने लगे थे। 16वी शताब्दी आते लोगों ने ग्रेफाइट की मदद से लिखना शुरू कर दिया था।

लेकिन ग्रेफाइट के नाजुक और नरम होने की वजह से लिखने में बहुत दिक्कत होती थी। इसीलिए वहां के लोग उसे धागे के अंदर बांध कर लिखने लगे थे।

वही वर्ष 1560 में Italian couple Simonio और Lyndiana Bernacotti ने juniper नामक पेड़ का इस्तेमाल कर पेंसिल बनाया था। वे इस पेड़ को काट कर और छेद कर उसमें ग्रेफाइट भर दिया जाता था और उसे चिपका दिया जाता था।

फिर 1795 में Nicholas-Jacques Conte ने आधुनिक तरीके के पेंसिल का आविष्कार किया था। दरअसल इंग्लैंड और फ्रांस के बीच लड़ाई होने के कारण इंग्लैंड ने फ्रांस को ग्रेफाइट देना बंद कर दिया था।

इसीलिए फ्रांस में इसकी कमी हो गई थी। जिसके बाद Nicholas-Jacques Conte ने इसका हल निकाला और ग्रेफाइट पाउडर को मिट्टी के साथ मिला कर और मिश्रण को लीड में बनाने की एक विधि की खोज की।

वहीं पेंसिल बनाते समय Nicholas ने यह भी देखा कि अगर मिट्टी को काम किया जाए तो पेंसिल के लिखने में काफी फर्क आ रहा है। जिसके बाद से एचबी पेंसिल बनने की शुरुआत हुई थी।

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आज हमने क्या सीखा

आज हमने पेंसिल के बारे में विस्तार से जानना जिसमे पेंसिल की खोज किसने की और पेंसिल का इतिहास के बारे में भी सीखा, तो दोस्तों उम्मीद करता हु की आपको यह लेख में साझा करी हुई जानकारी समझ आई होगी।

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