Hindi Ki Khoj Kisne Ki | हिन्दी की खोज कब हुई थी

दोस्तों की आप जानते है की Hindi Ki Khoj Kisne Ki और कब अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े यहां हम आपको हिंदी के बारे में सम्पूर्ण जानकरी देंगे।

हिन्दी की खोज किसने की थी ? Hindi Ki Khoj Kisne Ki

हिन्दी की खोज किसी ने नहीं की थी, इस भाषा की उत्पत्ति indo-european भाषा से हुई है। पहले संस्कृत भाषा भारत में सबसे अधिक चलती थी। उसके बाद indo-european भाषा में अलग-अलग प्रकार की भाषा आए जिसमें हिंदी ,पंजाबी ,अंग्रेजी ,स्पेनिश ,बंगाली भाषा शामिल थी। इन्हीं में से एक हिंदी भाषा को हमारे राष्ट्र का मातृभाषा माना गया और आज की हमारे देश के लोग हिंदी भाषा का उपयोग बोलचाल के लिए करते हैं।

हिन्दी की खोज कब हुई थी

हिंदी भाषा की खोज 1000 ईसवी पूर्व हो गई थी। पहले हिंदी और उर्दू दोनों को एक समान दर्जा देकर बोला जाता था हालांकि आज भी हिंदी और उर्दू दोनों आशा सुनने में एक जैसे ही रखते हैं पर दोनों की लिपियों को अलग-अलग प्रकार से लिखा गया है।

हिंदी भाषा को देव लिपि से लिखा गया है तो वही उर्दू भाषा फारसी, अरबी के अन्तर्गत आता है। हिंदी अनेक भाषाओं के अंतर्गत उत्पन्न हुआ है और तब से हिंदी भाषा हमारे देश का सर्वश्रेष्ठ भाषा बन गया है।

हिन्दी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

चलिए बात करते हैं हिंदी शब्द की उत्पत्ति के बारे में- हिंदी शब्द भारत के पश्चिमी तट में बहने वाले सिंधु नदी से लिया गया है।जिसे हम अंग्रेजी में इंडस रिवर कहते हैं। ईरानी में सिंधु नदी शब्द से निकलने वाला शब्द हिंदी माना जाता है। और यहीं से हिंदी शब्द की उत्पत्ति हुई थी। हिंदी भाषा हमारे देश में पुराने समय से ही बोली जाती है और इसके बारे में सभी को जानकारी होनी चाहिए। सिंधु नदी से लिया गया यह शब्द आज हमारे लिए भाषा का एक नाम है, पुराने समय से ही सिंधु नदी बहुत प्रसिद्ध है इसके आसपास के क्षेत्र को भी सिंधु क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।

हिन्दी भाषा की कितनी बोलियाँ है

भारत में हिंदी भाषा की प्रमुखता प्राचीन समय से ही देखी जाती है। इसी प्रकार भारत के अलग-अलग क्षेत्र में हिंदी भाषा की बोलियां अलग-अलग है। अगर बात करें पश्चिम भारत की तो वहां पर खड़ी बोली, ब्रिज,कन्नौजी, बुंदेली ,हरयाणवी भाषाएं हिंदी भाषा के अंदर बोली जाती है। इसके अलावा पूर्वी भारत में अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी भाषा बोला जाता है। हिंदी के कुछ प्रमुख बोलियों में मेवाती, मारवाड़ी, जयपुरी, भोजपुरी, मगही ,मैथिली आदि बोली होती है। इसी प्रकार हिंदी के बहुत सारे बोली अलग-अलग क्षेत्र में विभाजित हो गए हैं।

हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा कब और कैसे बनी ?

संविधान लागू होने से पहले भारत में कई सारी भाषाएं थी। परंतु संविधान में किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का मुद्दा उठा जिसके लिए बड़े-बड़े महान पुरुषों ने अपना अपना सुझाव रखा।भारत में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा रखना बहुत से राजनेताओं को सही नहीं लगा था ,जिसके लिए कई सारे निष्ठावादी नेता रैली निकालने लगे।

उस समय भारत के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद थे इन सभी नेताओं की मौजूदगी में 14 सितंबर 1949 को संसद में हिंदी भाषा को हमारा राष्ट्रभाषा चुन लिया गया और हर साल इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसमें सबसे ज्यादा योगदान राजेंद्र सिन्हा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, मैथिलीशरण गुप्त , सेठ गोविंद दास का रहा था। जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में लागू कर दिया गया।

दुनिया भर में हिंदी किन देशो में बोली जाती है ?

भारत में तो हिंदी बोली जाती है क्योंकि यह हमारी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा है परंतु भारत के अलावा दुनिया भर में और भी ऐसे देश हैं जहां पर हिंदी भाषा बोली जाती है। पाकिस्तान, भूटान, नेपाल ,बांग्लादेश ,श्रीलंका ,मालदीव्स ,मयांमार ,इंडोनेशिया ,ब्रिटेन, सिंगापुर ,साउथ अफ्रीका ,मॉरीशस, युगांडा, त्रिनाद एंड टोबैगो आदि देश है जहां पर हिंदी बोला और समझा जाता है।

क्या आपको पता है भारत में सबसे पहले किस राज्य में हिंदी भाषा को सबसे पहले स्वीकारा और बोला था? चलिए आपको बताते हैं भारत के बिहार राज्य ने सबसे पहले हिंदी भाषा को अपनी मातृभाषा बनाई थी।

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