गुरुत्वाकर्षण की खोज किसने की और ग्रेविटी का फॉर्मूला क्या है

दोस्तों क्या जानते है की गुरुत्वाकर्षण की खोज किसने की और ग्रेविटी का फॉर्मूला क्या है अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े क्योकि यहां हम गुरुत्वाकर्षण की खोज के बारे में जानकारी देने वाले है।

गुरुत्वाकर्षण क्या है?

किसी भी दो कणों, पदार्थों या वस्तुओं के बीच कार्य करने वाले पारस्परिक आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण कहां जाता है। और इससे उत्पन्न बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल ब्रह्माण्ड में मौजूद हर पदार्थ या वस्तु के बिच विद्यमान होता है। सन 1642-1727 में सर आइजक न्यूटन द्वारा यह पता लगाया गया था कि गुरुत्वाकर्षण बल हर प्रकार के वस्तुवो में मौजूद है।

Gravity Ki Khoj Kisne Ki (गुरुत्वाकर्षण की खोज किसने की )

ग्रेविटी यानी कि गुरुत्वाकर्षण की खोज सबसे पहले आइजक न्यूटन द्वारा सन 1642-1727 के दशक के दौरान किया गया था। दरअसल बसंत के मौसम के दौरान न्यूटन द्वारा एक सेब के पेड़ से सेब को गिरते हुए देखा, उसके बाद उनके मन में यह सवाल आया कि सेब बग़ल में या ऊपर की बजाय सीधे नीचे हि क्यों गिरा।

इस प्रश्न का उत्तर ढूंढने के साथ-साथ आइज़क न्यूटन द्वारा गुरुत्वाकर्षण का खोज किया गया, और उन्होंने इसकि सही परिभाषा तथा नियम भी दिए, जिन्हे सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम कहते है ।

ग्रेविटी का फॉर्मूला

न्यूटन द्वारा ग्रेविटी का फार्मूला भी दिया गया हैं, जो कि कुछ इस प्रकार हैं-

F = Gm1m2 / r2

G एक समानुपाती नियतांक (Proportional constant) है। जिसकी वैल्यू सभी चीजों के लिए एक जैसा रहता है। इसे गुरुत्वीय स्थिरांक (Gravitational Constant) कहते हैं। और इस ग्रेविटेशनल कांस्टेंट का वैल्यू G = 6.6726 x 10-11 m3 kg-1 s-2 होता है।
फार्मूले में दिया गया m1 और m2 दो वस्तुवो का द्रव्यमान है, और r दोनों वस्तुवो के बीच की दुरी है।

Gurutvakarshan Ka Siddhant Kisne Diya (गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत किसने दिया)

गुरुत्वाकर्षण के बारे में सबसे पहले गणितीय सूत्र देने की कोशिश आइजक न्यूटन द्वारा की गयी थी, जोकि आश्चर्यजनक रूप से सही साबित हुआ था।

उसके बाद उन्होंने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत का प्रतिपादन किया। न्यूटन द्वारा करीबन 1666-1727 के दशक के दौरान एक सेब को गिरते हुए देखने के बाद गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत को तैयार किया गया।

न्यूटन के सिद्धांत के अनुसार- किसी पिंड का त्वरण उस पिंड और धरती के भार के समानुपाती (Directly Proportional) होता है, तथा किसी पिंड का त्वरण पृथ्वी की ओर उसकी पृथ्वी से दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती (Inversely proportional) होता है। जिसे हम सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त के नाम से जानते हैं-

F = Gm1m2 / r2

गुरुत्वाकर्षण का दूसरा नाम क्या है?

गुरुत्वाकर्षण का दूसरा नाम ग्रेविटी होता है, जोकि दो कणों या पदार्थों के बीच कार्य करने वाला पारस्परिक आकर्षण होता है। और उन कणों के बीच लगने वाले फोर्स को ग्रेविटेशनल फोर्स यानी कि गुरुत्वाकर्षण बल कहा जाता है।

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