तबला का आविष्कार किसने किया और तबले में कुल कितने वर्ण होते हैं

दोस्तों क्या आप जानते है की तबला का आविष्कार किसने किया और तबले में कुल कितने वर्ण होते हैं अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े यहां हमने तबला के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है।

तबला क्या होता है?

वाद्य यंत्रों में तबला भारतीय संगीत में इस्तेमाल किया जाने वाला यंत्र है। तबला दो ढोल का जोड़ी होता है जिसे संगीत कारो द्वारा बजाय जाता है। खास तौर पे इसका इस्तेमाल सांस्कृतिक , धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में किया जाता है। संगीत में सुर ताल देने के लिए वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल होता है और तबले के बिना सुरो को पूरा नहीं किया जा सकता।इसकी मान्यता संगीत में अधिक मानी जाती है।

तबला का आविष्कार किसने किया?

टेबल का आविष्कार उस्ताद अमीर खुसरो ने किया था। आविष्कार के पहले संगीत में तबले के जगह पखावज और मृदंग का इस्तेमाल होता था। संगीतकार अमीर खुसरो ने पखावज को दो भागों में विभाजित कर दिया जिससे तबला का आविष्कार हुआ।

तबला बनाने के लिए शीशम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है और और जिस स्थान पर हंथेली रखकर बजाया जाता है उसे चमड़े से बनाते है। इसके आलवा तबला के दोनों भागों को अलग अलग नाम दिया गया है एक को डग्गा कहते है और दूसरे को डुग्गी एवं दाहिनी तरफ वाले तबले को दाहिनी भी कहा जाता है।

तबले में कुल कितने वर्ण होते हैं?

तबला के कुल 10 वर्ण होते है जैसे ना, क, ता, ति, तिं, धि, धिं, तू, धिर ,दिं आदि। एक तबलाकर इन सभी वर्णों की आसानी से संगीत के रूप में निकाल सकता है।

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