By Yash Choudhary www.hindimesikho.in Image Credit: HealthLine
फ़ूड पोइसोनिंग विषाणुओं के कारण हो सकता है, जो अंडा या मीट के अंदर जीवित रह सकते हैं।
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फ़ूड पोइसोनिंग के लक्षण आमतौर पर खाने के 2 से 6घंटे के बाद प्रकट होता है।
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फ़ूड पोइसोनिंग के लक्षणों में बुखार, मतली, उल्टी, पेट दर्द और डायरिया शामिल हो सकते हैं।
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फ़ूड पोइसोनिंग के लक्षण में तेजी से तब्दील होने वाली सांस, तेज धड़कन और थकान भी हो सकती है।
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फ़ूड पोइसोनिंग अक्सर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के लक्षणों से मिश्रित होता है, जो पेटी भर के भोजन के बाद शुरू होते हैं।
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जिन लोगों को खाद्य संदूषण का खतरा है, उन्हें खाद्य सुरक्षा के लिए उच्चतम स्तर के संगठन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
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फ़ूड पोइसोनिंग बच्चों और वृद्धों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है, क्योंकि उनका पाचन प्रणाली कमजोर होती है।
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ग्राम-नेगेटिव बैक्टीरिया जैसे लाइस्टीरिया और कैम्पीलोबैक्टर फ़ूड पोइसोनिंग के मुख्य कारक हो सकते हैं, जो कि उच्च प्रोटीन खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।
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