ऑपरेशन कैक्टस:  भारतीय सेना के शौर्य की कहानी

By Yash Choudhary www.hindimesikho.in Image Credit: Google

ऑपरेशन कैक्टस सन 1988 ईसवी में भारतीय आर्म्ड फोर्सेज द्वारा शुरू किया गया एक सैन्य अभियान था।

Image Credit: Google

ऑपरेशन का उद्देश्य मालदीव में तख्तापलट को रोकना था, जब पर्यटकों के भेष में कुछ आतंकियों ने हमला कर दिया था।

Image Credit: Google

ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया, जिसमें भारतीय पैराट्रूपर्स हुलहुले द्वीप पर उतरे और जल्द ही मालदीव को सुरक्षित कर लिया।

Image Credit: Google

इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना तीनो शामिल थी, और कुल 1600 सैनिक इस आपरेशन का हिस्सा थे।

Image Credit: Google

ऑपरेशन को 24 घंटे के भीतर अंजाम दिया गया और ऑपरेशन के दौरान कोई भी भारतीय सैनिक घायल नहीं हुआ।

Image Credit: Google

ऑपरेशन की सफलता के लिए दुनियाभर में प्रशंसा की गई, और इसे दक्षिण एशिया में सबसे सफल सैन्य अभियानों में से एक माना जाता है।

Image Credit: Google

मालदीव सरकार तख्तापलट को रोकने में सहायता के लिए भारत का आभार प्रकट किया और दोनों देशों में तब से मजबूत संबंध हैं।

Image Credit: Google

श्रीलंका से उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन ऑफ तमिल ईलम (PLOTE) के हथियारबंद उग्रवादियों ने यह हमला किया था।

Image Credit: Google

यह ऑपरेशन भारत के सैन्य कौशल को प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण था, विशेष रूप से एयर ऑपरेशन्स के क्षेत्र में।

Image Credit: Google

आजादी के बाद यह भारत का पहला विदेशी अभियान था, जिसकी अगुवाई ब्रिगेडियर फारुख बुलसारा कर रहे थे। 

Image Credit: Google

स्टोरी पसंद आई तो शेयर जरूर करे। 

NEXT: बबीता जी यानी मुनमुन दत्ता के क्यों दीवाना है इतने लोग और जेठालाल